जीएसटी का व्यवसायों पर प्रभाव
जीएसटी का व्यवसायों पर प्रभाव ?
- वर्तमान में व्यवसायों को अलग-अलग प्रकार के अप्रत्यक्ष Tax का Pay करना पड़ता है जैसे वस्तुओं के उत्पादन करने पर उत्पाद शुल्क, ट्रेडिंग करने पर Sales टैक्स, सेवा प्रदान करने पर Service टैक्स आदि। इससे व्यवसायों को Dipprents प्रकार के कर कानूनों की पालना करनी पड़ती है जो कि बहुत ही Hard एंव Easy कार्य है। But GST के लागू होने से उन्हें केवल एक ही प्रकार अप्रत्यक्ष क़ानून का पालन करना होगा जिससे भारत में व्यवसाय में Easily आएगी।
- वर्तमान में व्यवसायी, उत्पाद शुल्क व service Tax के भुगतान में बिक्री कर की Input क्रेडिट (ख़रीदे गए माल पर चुकाए गए कर) का use नहीं कर सकता और बिक्री कर के भुगतान में सेवा कर(सेवाओं पर चुकाए गए कर) और उत्पाद शुल्क (ख़रीदे गए माल पर लगे उत्पाद शुल्क) कीcredit का use नहीं कर सकता। इस कारण वस्तुओं और सेवाओं की लागत बढ़ जाती है। लेकिन GST के लागू होने से व्यवसायियों को सभी प्रकार की खरीदी गयी वस्तुओं और सेवाओं पर चुकाए गए GST की पूरी Credit मिल जाएगी जिसका उपयोग वह बेचीं गयी वस्तुओं और सेवाओं पर लगे GST के भुगतान में कर सकेगा। इससे लागत में कमी आएगी
- ऐसा कहा जा रहा है कि GST के आने से व्यवसाय करना आसान हो जाएगा लेकिन शुरूआती वर्षों में व्यवसायों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। example के लिए GST में प्रत्येक महीने में तीन अलग अलग तरह के रिटर्न File करने पड़ेंगे।
- present में विभिन्न प्रकार के अप्रत्यक्ष करों में थ्रेसहोल्ड लिमिट (छूट की सीमा) अलग अलग है। मुख्य रूप से Sales Tax में थ्रेसहोल्ड लिमिट 5 Lack, service टैक्स में 10 लाख और उत्पाद शुल्क में 1।5 करोड़ है। जीएसटी आने से सभी प्रकार के Business (ट्रेडिंग, उत्पादक या सेवा प्रदाता ) के लिए एक ही प्रकार की थ्रेसहोल्ड लिमिट (छूट की सीमा) रखने का प्रस्ताव है। यह थ्रेसहोल्ड लिमिट इन तीनों कानूनों (Sales टैक्स, सेवा कर और उत्पाद शुल्क) की Present लिमिट को ध्यान में रखकर बनाई जाएगी। जिसका मुख्य Effect यह होगा कि छूट सीमा 50 Lack से कम ही रखी जाएगी जिससे छोटे उत्पादक जो कि वर्तमान में 1।5 करोड़ तक छूट सीमा का Benifit उठा रहे है वे भी G.S.t के दायरे में आ जाएगें।
- Present में एक राज्य से दुसरे राज्य में माल बेचने पर 2% की दर से केंद्रीय Sales Tax लगता है जिसकी input क्रेडिट नहीं मिलती। GST के लागू होने के बाद से केंद्रीय सेल्स Tax नहीं लगेगा जिससे वस्तुओं की लागत में कमी आएगी । हालांकि ऐसा प्रस्ताव था कि शुरूआती first time कुछ वर्षों में उत्पादक राज्यों में 1 % की दर से अतिरिक्त G.S.T लगाया जाएगा ताकि GST की वजह से कुछ उत्पादक राज्यों को होने वाले राजस्व के नुकसान से बचाया जा सके लेकिन मुख्य विपक्षी दल के विरोध के कारण इस प्रस्ताव को वापस लिया जा सकता है|