Tally Session 1 (Tally Course Hindi Me, Tally कोर्स हिंदी में सीखें )
Tally Course (Tally Learn)
Tally Course Hindi Me,
Tally कोर्स हिंदी में सीखें
Objective :-
1. एकाउंटिंग क्या है ? What is Account
2. एकाउंटिंग के महत्व क्या है ? Benifit of Account
3. एकाउंटिंग की डेफिनेसन ? What is Account
4. एकाउंटिंग के रूल्स और प्रकार Account
Tally Course Hindi Me,
Tally कोर्स हिंदी में सीखें
Objective :-
1. एकाउंटिंग क्या है ? What is Account
2. एकाउंटिंग के महत्व क्या है ? Benifit of Account
3. एकाउंटिंग की डेफिनेसन ? What is Account
4. एकाउंटिंग के रूल्स और प्रकार Account
Accounting :- एकाउंटिंग यह एकprocess है पहचान करने की, recodinre सारांश और आर्थिक की informarion रिपोर्टिंग की, जो निर्माताओं के लिए वित्तीय ब्यौरा देकर निर्णय लेन के लिए help करता है |
Advantages of Accounting :-
निमंलिखित एकाउंटिंग रखने से benift होता है -
1) accounting से हम किसी विशेष tym की अवधि में benefit या lose हुई है यह समझ सकते है।
2) हम कारोबार के निम्न वित्तीय situation को समझ सकते है
अ) busness में है कितनी सम्पति है|
ब) business पर कितना ऋण है|
ग) business में कितनी किपटल है|
3) इसके अलावा, हम accounting रखने से बिजनेस के benift या हानि के कारण को समझ सकते है |
ऊपर दिए गय फायदो से हमें easily से यह समझ में आता है की एकाउंटिंग business की आम है|
Defination :-
accounting सीखते समय हम नियिमत रूप से कुछ शब्दों का use करना पडता है। तो पहले हम इन शब्दों के अथ समझत है -
1) Goods :- माल को business में नियिमत और मुख्य रूप से purchase और sale जाता है | example के लिए - एक किराना दकान में साबुन, oil आदि goods है | मुनाफ की purchaseऔर माल की बिक्री पर निर्भर करता है।
2) Assets :- एस्सेट्स कीमती चीज होती है, जो business के लिए आवश्यक होती है और business की सम्पति होती है| उदाहरण के लिए- बिल्डिंग, वेइकल, मशीनरी, फर्नीचर
3) Liabilities :- लाइअिबलटीज़ दुसरो द्वारा business को दि जाती है है। उदाहरण के लिए – Bank से लिया गया लोन, credit पर माल की खरीद।
4) Capital :- किपटल यान पूंजी जो business के मालिक द्वारा किया गया निवश होता है| यह किपटल cash गुडस या assect के रूप में होता है। जब की यह किपटल business के मालिक द्वारा invest किया गया है, तो businessके अनसार यह किपटल भी एक लाइअिबलटीज़ होती है |
5) Debtor:- जिससे businessको निश्चित राशि लेनी होती है उस ड᭣टर कहा जाता है |
6) Creditor :- जिन्हें हमार business को निश्चित राशि देनी होती है ह उन्हें क्रेडिटर कहा जाता है।
7) Business Transaction :- एक वित्तीय घटना है जो business से सबंधित है और जिसका effect कंपनी की वित्तीय ता है | उदाहरण के लिए – माल की खरीद, वेतन, क्रेडिट पर माल को बचना।
8) Cash Transaction :- जो trajection नकदी में किए जात है उन्हें कैश ट्रांजेक्शन कहा जाता है|
9) Credit Transaction :- जो ट्रांजेक्शन credit र पर किए जात है उन्हें क्रेडिट ट्रांजेक्शन कहा जाता है।
10) Account:- अकाउंट किसी ट्रांजेक्शन का statment होता है, जो किसी asset , लाइअिबलटीज़, आमदनी या खर्च को effect करता है |
11) Ledger :-लेजर एक Book होता है जिसम पर्सनल, रियल या nominल के सभी account होता है जिनकी एंट्री ,जेर्नल या सहायक book में होती है |
Types of Accounts:
1) Personal Accounts:- सभी व्यक्ति, sosyty ट्रस्ट, बैंक और companyके खात पर्सनल अकाउंट है | उदाहरण के लिए - Rahul A/c, Gayatri Sales A/c, Subodh Traders A/c, Bank of Maharashtra A/c.
2) Real Accounts:- रियल अकाउंट में सभी एसेट्स और गुडस अकाउंट शामिल है। जैसे- Cash A/c, Furniture a/c, Building A/c.
3) Nominal Accounts:- business से संबंधित सभी आय और खर्च niminL अकाउंट के अंतगत आत है। उदा - Salary A/c, Rent A/c, Commission A/c, Advertisement A/c, Light Bill A/c.
Golden Rules of Accounts:
ट्रांजेक्शन करते time, हम debit या credit साइड का फसला करना होता है। इसके निम्नलिखित नियम है –
1) Personal Accounts:-
Debit : The Receiver or Debtor
Credit : The Giver or Creditor
2) Real Accounts:
Debit : What comes in
Credit : What goes out
3) Nominal Accounts:
Debit : All Expenses & Losses
Credit : All Incomes & Gains
Double Entry System of Book Keeping
प्रत्येक ट्रांजेक्शन business पर दो तरीक से effect करता है| example के लिए,
a) गुडस कैश में – इस ट्रांजेक्शन में Goods बिजनेस में आ रहा है लकिन उसी Time बिजनेस से कैश बाहर जा रही है |
b) गुडस Credit पर दत्ता ट्रेडर्स को बचा – इस ट्रांजेक्शन में गु᭙स बिजनेस से बाहर जा रहा है आिण उसी time दत्ता ट्रेडर्स हमार business का देनदार हो जाता है |
डबल एंट्री systm के अनसार – ऐस सभी business ट्रांजेक्शन को अकाउंट में record करते समय इसके दो पहलू होता है Debit aspect (receiving) और Credit aspect (giving).
Advantages of Accounting :-
निमंलिखित एकाउंटिंग रखने से benift होता है -
1) accounting से हम किसी विशेष tym की अवधि में benefit या lose हुई है यह समझ सकते है।
2) हम कारोबार के निम्न वित्तीय situation को समझ सकते है
अ) busness में है कितनी सम्पति है|
ब) business पर कितना ऋण है|
ग) business में कितनी किपटल है|
3) इसके अलावा, हम accounting रखने से बिजनेस के benift या हानि के कारण को समझ सकते है |
ऊपर दिए गय फायदो से हमें easily से यह समझ में आता है की एकाउंटिंग business की आम है|
Defination :-
accounting सीखते समय हम नियिमत रूप से कुछ शब्दों का use करना पडता है। तो पहले हम इन शब्दों के अथ समझत है -
1) Goods :- माल को business में नियिमत और मुख्य रूप से purchase और sale जाता है | example के लिए - एक किराना दकान में साबुन, oil आदि goods है | मुनाफ की purchaseऔर माल की बिक्री पर निर्भर करता है।
2) Assets :- एस्सेट्स कीमती चीज होती है, जो business के लिए आवश्यक होती है और business की सम्पति होती है| उदाहरण के लिए- बिल्डिंग, वेइकल, मशीनरी, फर्नीचर
3) Liabilities :- लाइअिबलटीज़ दुसरो द्वारा business को दि जाती है है। उदाहरण के लिए – Bank से लिया गया लोन, credit पर माल की खरीद।
4) Capital :- किपटल यान पूंजी जो business के मालिक द्वारा किया गया निवश होता है| यह किपटल cash गुडस या assect के रूप में होता है। जब की यह किपटल business के मालिक द्वारा invest किया गया है, तो businessके अनसार यह किपटल भी एक लाइअिबलटीज़ होती है |
5) Debtor:- जिससे businessको निश्चित राशि लेनी होती है उस ड᭣टर कहा जाता है |
6) Creditor :- जिन्हें हमार business को निश्चित राशि देनी होती है ह उन्हें क्रेडिटर कहा जाता है।
7) Business Transaction :- एक वित्तीय घटना है जो business से सबंधित है और जिसका effect कंपनी की वित्तीय ता है | उदाहरण के लिए – माल की खरीद, वेतन, क्रेडिट पर माल को बचना।
8) Cash Transaction :- जो trajection नकदी में किए जात है उन्हें कैश ट्रांजेक्शन कहा जाता है|
9) Credit Transaction :- जो ट्रांजेक्शन credit र पर किए जात है उन्हें क्रेडिट ट्रांजेक्शन कहा जाता है।
10) Account:- अकाउंट किसी ट्रांजेक्शन का statment होता है, जो किसी asset , लाइअिबलटीज़, आमदनी या खर्च को effect करता है |
11) Ledger :-लेजर एक Book होता है जिसम पर्सनल, रियल या nominल के सभी account होता है जिनकी एंट्री ,जेर्नल या सहायक book में होती है |
Types of Accounts:
1) Personal Accounts:- सभी व्यक्ति, sosyty ट्रस्ट, बैंक और companyके खात पर्सनल अकाउंट है | उदाहरण के लिए - Rahul A/c, Gayatri Sales A/c, Subodh Traders A/c, Bank of Maharashtra A/c.
2) Real Accounts:- रियल अकाउंट में सभी एसेट्स और गुडस अकाउंट शामिल है। जैसे- Cash A/c, Furniture a/c, Building A/c.
3) Nominal Accounts:- business से संबंधित सभी आय और खर्च niminL अकाउंट के अंतगत आत है। उदा - Salary A/c, Rent A/c, Commission A/c, Advertisement A/c, Light Bill A/c.
Golden Rules of Accounts:
ट्रांजेक्शन करते time, हम debit या credit साइड का फसला करना होता है। इसके निम्नलिखित नियम है –
1) Personal Accounts:-
Debit : The Receiver or Debtor
Credit : The Giver or Creditor
2) Real Accounts:
Debit : What comes in
Credit : What goes out
3) Nominal Accounts:
Debit : All Expenses & Losses
Credit : All Incomes & Gains
Double Entry System of Book Keeping
प्रत्येक ट्रांजेक्शन business पर दो तरीक से effect करता है| example के लिए,
a) गुडस कैश में – इस ट्रांजेक्शन में Goods बिजनेस में आ रहा है लकिन उसी Time बिजनेस से कैश बाहर जा रही है |
b) गुडस Credit पर दत्ता ट्रेडर्स को बचा – इस ट्रांजेक्शन में गु᭙स बिजनेस से बाहर जा रहा है आिण उसी time दत्ता ट्रेडर्स हमार business का देनदार हो जाता है |
डबल एंट्री systm के अनसार – ऐस सभी business ट्रांजेक्शन को अकाउंट में record करते समय इसके दो पहलू होता है Debit aspect (receiving) और Credit aspect (giving).