मकर संक्रांति क्या है ? भारत में मकर संक्रान्ति कैसे मनाते है 2021 , मकर संक्रांति कब और क्यों मनाई जाती है ?

नए साल  बाद ही लोग मकर संक्रान्ति मनाते है लेकिन आपने सोचा है मकर संक्रांति क्या है ? और क्यों मनाई जाती है ? यदि आप नहीं जानते है तो कोई बात  नहीं  इस लेख के माद्यम से आपके सरे डाऊट क्लियर कर देंगे चलिए शुरू करते है 



मकर संक्रांति क्या है ?


आइये पहले जानते है मकर संक्रांति क्या है हिन्दुओ का एक खास त्यौहार होता है मकर संक्रांति भारत और नेपाल में अलग अलग तरह और रीतिरिवाज़ से मनाते है सूर्य जब पौष राशि पर आता है तब  त्यौहार  मनाते है मकर संक्रांति साल के जनवरी के महीने में 14 और 15 जनवरी को मनाया जाता है 

भारत में मकर संक्रान्ति कैसे मनाते है 2021 ?


भारत देश में मकर संक्रान्ति अलग अलग तरह से मनाई जाती है 
पंजाब और हरियाणा में इसे लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है जबकि उत्तर प्रदेश में इसे दान का त्यौहार मानते है वही बिहार में इस त्यौहार को खिचड़ी त्यौहार से जानते है बंगाल  में इस पर्व पर स्नान के पश्चात तिल दान करने की प्रथा होती है  और तमिलनाडु  त्यौहार को लगातार चार दिन तक मानते है तमिलनाडु में इसे पोंगल के नाम से जानते है असम में मकर संक्रान्ति को माघ-बिहू अथवा भोगाली-बिहू के नाम सेजानते है और मनाते है 



राजस्थान में इस पर्व पर suhagn औरते अपनी सास को वायना देकर आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। साथ ही औरते किसी भी सौभाग्यसूचक वस्तु का 14 की संख्या में पूजन एवं संकल्प कर चौदह ब्राह्मणों को दान देती हैं। इस प्रकार मकर संक्रान्ति के माध्यम से भारत सभ्यता एवं संस्कृति की झलक विविध रूपों में दिखती है।

मकर संक्रान्ति के दिन  पर भारत के अलग अलग भागों में, और विशेषकर गुजरात में, पतंग उड़ाने की प्रथा है।


 मकर संक्रांति कब और क्यों मनाई जाती है ? 

हमेशा बहुत से लोग कन्फ्यूज्ड होते है आखिर मकर संक्रांति कब और सही तारिक़ कोनसी है मकर संक्रांति का त्योहार इस बार 14/1/2021 को मनाया जाएगा या 15/1/2021को। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार इस वर्ष 15 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाना चाहिए।  पौष माश में जब सूरज धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है तभी हिन्दू मकर संक्रांति मनाते है।

शास्त्रों के अनुसार रात में संक्रांति नहीं मनाते तो अगले दिन सूर्योदय के बाद ही उत्सव मनाया जाना चाहिए। इसलिए मकर संक्रांति 14 की जगह 15 को मनाई जाने लगी है। अधिकतर 14 जनवरी को मनाया जाने वाला मकर संक्रांति का त्यौहार इस वर्ष भी 15 जनवरी को मनाया जाएगा।


 मकर संक्रांति 14 जनवरी को  क्यों मनाई जाती है?



उत्तरायण भी कहते है। 14/1 /2021 को मनाने का कारण :सूरज की दिशा उत्तरायण एवम मकर राशि में विराजमान होने की स्थिति जनवरी महीने के14 - 15 दिन होती है। इसलिए मकर सक्रांति हमेशा 14 जनवरी को ही मनाई जाती है।


मकर संक्रांति का विशेष महत्व


मकर संक्रांति को लेकर कई तरह की पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। माना जाता है कि सूर्य के उत्तरायण में देह त्याग करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और यही कारण है कि महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपना देह त्याग करने के लिए इस दिन को चुना था। ... इसलिए लोग इस दिन व्रत व दान को काफी महत्व देते हैं।
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