स्पेस क्या होता है यानी कि अंतरिक्ष क्या होता है

 हेलो दोस्तों स्वागत है आपका आज की इस पोस्ट में हम जानेगे स्पेस क्या होता है किसे कहते है  यानी कि अंतरिक्ष क्या होता है इसके बारे में जानेंगे


स्पेस क्या होता है यानी कि अंतरिक्ष क्या होता है


स्पेस क्या होता है यानी कि अंतरिक्ष क्या होता है 


 आसान भाषा में कहीं तो हमारे इस विशाल ब्राह्मण में पृथ्वी के वायुमंडल के परी जो भी है वह अंतरिक्ष है चांद तारे ग्रह सभी अंतरिक्ष में ही होते हैं और अंतरिक्ष का हिस्सा होते हैं पर इसका यह अर्थ नहीं है कि चांद तारों और ग्रहों के बीच में जो भी है वह अंतरिक्ष नहीं है अंतरिक्ष हर जगह मौजूद होता है अंतरिक्ष लगभग व्यक्तियों के बराबर होता है 

क्योंकि यहां गैसीज और क्लास में बहुत कम डेंसिटी में मौजूद होते हैं जिसके कारण स्पेस में साउंड बहुत ही कम सुनाई देता है अब आप यह बताइए कि क्या आप वास्तव में जा ना चाहते हैं कि 


अंतरिक्ष क्या है

 अगर आप जाना चाहते हैं तो आप उस चीज के बारे में पूछ रहे हैं जो टाइम और मास की तरह है पर हम आपको इस प्रश्न का उत्तर देंगे अंतरिक्ष का आरंभ पृथ्वी की सतह से 102 मीटर यानी कि 7 मील की ऊंचाई पर होता है जहां सांस लेने और लाइक को कैद करने के लिए कोई सफिशिएंट नहीं होती उस क्षेत्र में नीला रंग काला दिखाई देता है इसका कारण यह है कि वहां ऑक्सीजन बहुत ही कम मात्रा में उपस्थित है और यहां पर साउंड बहुत कम सुनाई देता है 

क्योंकि यहां ब्रेकिंग है यानी कि यहां पर मॉलिक्यूल एक दूसरे से बहुत ही ज्यादा दूरी पर स्थित है जिसके कारण मॉलिक्यूल एक दूसरे को साउंड ट्रांसमिट नहीं कर सकते जिसके कारण साउंड हमें बहुत ही कम सुनाई देता है इसका यह भी अर्थ नहीं है कि अंतरिक्ष खाली है हालांकि 10 और गैस पार्टिकल्स ब्राह्मण के खाली एरिया में लूट करते रहते हैं

 हम मनुष्यों में से कोई भी अभी तक यह बिल्कुल नहीं जानता कि अंतरिक्ष कितना बड़ा है अभी तक मनुष्य सिर्फ अनुमान लगा सकता है और कुछ नहीं हम हमारे डिटेक्टर से अंतरिक्ष में जब देखते हैं तो कई कठिनाइयां उत्पन्न होती हैं क्योंकि हम अंतरिक्ष को लाइट ईयर्स में मापते हैं


 1 लाइट ईयर का मतलब

 यह होता है कि लाइट 1 ईयर में कितना डिस्टेंस ट्रैवल करती है जो लगभग 9.31 किलोमीटर के बराबर होता है हमारे टेलीस्कोप में दिखाई देने वाली रोशनी से हमने हमारे टेलिस्कोप में दिखाई देने वाली रोशनी से हमने गैलेक्सी को भी खोज लिया है जो बिग बैंक के कारण हमारे ब्रह्मांड के आखिरी छोर पर पहुंच गई थी


 आज से लगभग 13 पॉइंट 7 साल पहले बिगबेन के कारण हमारा यह ब्रह्मांड उत्पन्न हुआ था इसका अर्थ यह है कि हम 13 पॉइंट 7 इंच तक अंतरिक्ष में एक सकते हैं पर आज भी इस बात पर यकीन नहीं करते हैं कि अंतरिक्ष में केवल हमारा ही ब्रह्मांड मौजूद है यह हो सकता है कि और भी प्रमाण अंतरिक्ष में मौजूद हो 


क्योंकि हमारे इस ब्रह्मांड की कोई सीमा अभी तक हमें पता नहीं है अभी तक के लिए मनुष्य के लिए अंतरिक्ष एक पहेली ही है 


निष्कर्ष 


आज की इस पोस्ट के लिए बस इतना ही अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया तो लाइक और शेयर जरूर करें और इस तरह की और भी पोस्ट ने के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो करें मिलते हैं एक नई पोस्ट में नए टॉपिक के साथ तब तक के लिए बय 

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