चेक बाउंस होने के बारे में तो आप सब लोगों ने सुना ही होगा चेक के द्वारा ज्यादातर लेन देन हीं किए जाते हैं ऐसे में बहुत से लोगों को चेक बाउंस होने जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है
चेक बाउंस होने के बहुत से कारण भी हो सकते हैं और चेक से जुड़ी जानकारी ना होने से लोगों को परेशान होना पड़ता है चेक में अगर थोड़ी सी भी गलती होती है तो बैंक आपका चेक एक्सेप्ट करने से मना कर देती है ऐसे में चेक बाउंस हो जाता है तो आज इसी के बारे में हम डिटेल में बात करते हैं
चेक बाउंस कैसे होता है?
जब अकाउंट होल्डर किसी व्यक्ति को चेक देता है तब वह यह वादा करता है कि किसी निश्चित तारीख पर जो रकम तय की गई है उसका वह भुगतान करेगा लेकिन किसी वजह से चेक लिखने वाला व्यक्ति अपने खाते में उस रकम को मेंटेन नहीं कर पाता है और चेक लेने वाला व्यक्ति चेक को बैंक में डाल देता है तो चेक बाउंस हो जाता है
जब किसी व्यक्ति के द्वारा चेक दिया जाता है तब उसके अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस होना चाहिए जिससे कि चेक किया जा सके ताकि जब चेक किया जाए तो उस रकम को बैंक खाते से निकाला जा सके और अगर यह नहीं होता है तो चेक बाउंस हो जाता है
चेक बाउंस होने के क्या कारण है
चेक पर जो राशि लिखी गई होती है अगर अकाउंट में उससे कम राशि होती है तो चेक बाउंस हो जाता है मतलब जितने आपके लिखे हुए हैं आपके बैंक अकाउंट में नहीं है तो सामने वाले का चेक बाउंस हो जाता है
अगर आपका अकाउंट फ्रीज भी हो गया है तो भी चेक बाउंस हो सकता है
अकाउंट में चाहे कितने ही पैसे क्यों ना हो फिर भी आप का टैक्स नहीं किया जाएगा बैंक के पास हमारे हस्ताक्षर की एक प्रति भी होती है और अगर आपने किसी के नाम पर चेक किया हुआ है एक को काटने वाला व्यक्ति ने गलत हस्ताक्षर कर दिए और वह बैंक में मौजूद प्रति से नहीं मिल रहा है तो भी चेक बाउंस हो सकता है
अगर आप 3 महीने पुराना चेक लगा देते हैं या 1 तारीख लिखी है तो भी चेक बाउंस हो सकता है अगर आपने चेक में लिखे नाम या तारीख में कोई परिवर्तन किया है या तारीख को काट दी है ऐसा कुछ किया है या लिख दिया है तो भी आपका चेक रिजेक्ट हो सकता है तो यह कारण है चेक बाउंस होने के
चेक बाउंस होने पर क्या करना चाहिए
चेक बाउंस होने पर बैंक ग्राहक को एक रसीद देती है इसमें चेक बाउंस होने की पूरी जानकारी होती है चेक बाउंस होने के बाद 30 दिन के अंदर को एक लीगल नोटिस भेजा जाता है आप इसके लिए किसी वकील की मदद भी ले सकते हैं
इसके बाद भी अगर पैसे नहीं दे रहा है तो नोटिस देने के 15 दिनों के बाद वकील की मदद से जिले कोर्ट में केस दर्ज करा सकते हैं आरोपी व्यक्ति को सजा देने के साथ ही जितनी राशि का चेक होगा उसका दुगना भी देना पड़ सकता है
मतलब देनदार को चेक बाउंस होने पर सजा दी जाती है अगर आपका भी चेक बाउंस हो गया है तो सही समय पर कार्यवाही करने से आपका पैसा डूबने से बच सकता है और आरोपी को दंड भी मिल जाता है
चेक बाउंस होने पर कौन सी धारा लगती है
लीगल नोटिस भेजने के बाद भी अगर 1 महीने के अंदर देनदार को पेमेंट नहीं कर रहा है तो लेनदार नेगोशिएबल इस्टूमेंट एक्ट के सेक्शन 138 के तहत शिकायत दर्ज करा सकता है
30 दिनों के भीतर ही अपनी शिकायत दर्ज करानी होती है 30 दिनों के बाद शिकायत दर्ज कराई गई तो आपको देरी होने के कारण बताना होता है या जो कि सही होना चाहिए वह बता ना होता है अगर आप का कारण सही नहीं हुआ तो कोड आफ का केस नहीं सुनती है
चेक बाउंस होने पर कितने साल की सजा हो सकती है
चेक जारी करने वाले व्यक्ति के अकाउंट में अगर पर्याप्त बैलेंस नहीं होता है तो चेक बाउंस हो जाता है ऐसे में चेक बाउंस होने पर सजा भी दी जाती है और यह सजा 2 साल की होती है
इसके साथ ही से दुगना राशि का भुगतान करना पड़ता है इसकी भी कुछ शर्ते होती है
चेक बाउंस के नियम
चेक बाउंस हो ना एक अपराधी गिना जाएगा जब वह बैंक में 6 महीने या इतने समय कितने समय में पेश किया गया हो
देनदार लीगल नोटिस प्राप्त होने के 15 दिनों के अंदर भी चेक अमाउंट का पेमेंट नहीं करता है तो लेनदार उसके खिलाफ आगे की कार्यवाही कर सकता है चेक बाउंस होने के 30 दिनों के अंदर लेनदार द्वारा देनदार
को लीगल नोटिस भेज कर बताना चाहिए कि आपका चेक बाउंस हो गया है और चेक अमाउंट का पेमेंट कर दिया जाए तो यह है चेक बाउंस होने के कुछ नियम जो कि आपको जानने चाहिए
निष्कर्ष
दोस्तों इस पोस्ट में मेने आपको बताया है Cheque Bounce कैसे होता है और इसके क्या कारन है? अगर आपको ये पोस्ट पसंद आयी तो शेयर जरूर करे और किसी रिस्तेदार या मिलने वालो का चेक बाउंस हो गया है अब क्या करे तो आपको ये [पोस्ट उनको जरूर शेयर करनी चहिये
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