बैंक में कितने प्रकार के खाते होते है, How Many Types of Bank Accounts In India
दोस्तों इस पोस्ट में जानेगे बैंक में कितने प्रकार के खाते होते हे, How Many Types of Bank Accounts In India के बारे में चलिए शुरू करते है
बैंक में कितने प्रकार के खाते होते हे |
मुख्य रूप से बैंक अकाउंट में 4 तरह के खाते होते हैं
1) CURRENT ACCOUNT (चालू खाता)
2) SAVING ACCOUNT (बचत खाता)
3) RECURRING DEPOSITE ACCOUNT (आवर्ती जमा खाता)
4) FIXED DEPOSITE ACCOUNT (सावधि जमा खाता)
इन बैंक अकाउंट को अलग अलग नाम से भी जाना जाता है लेकिन अगर आप इंटरनेट बैंकिंग इस्तेमाल करते हैं तो एक ही इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से उन्हें एक ही जगह से मैनेज किया जा सकता है क्योंकि अधिकतम बैंक ऐसा करते हैं कि उन्हें एक ही यूजर आईडी से मैप कर देते ताकि उन्हें आसानी से मैनेज किया जा सके
1) CURRENT ACCOUNT (चालू खाता)
इस तरह के अकाउंट पर बैंक इंटरेस्ट भी नहीं देता और ऐसे अकाउंट केवल व्यापारिक उद्देश्य के लिए खोले जाते हैं जो कि इन खातों पर लेनदेन को लेकर कोई भी लिमिट नहीं होते दिन भी कितनी भी बार आप इसमें कितनी भी राशि का लेन देन कर सकते हैं
यह अकाउंट उन लोगों के लिए ज्यादा सूटेबल होता है जो इसे फॉर्म या कंपनी के मालिक होते हैं अलग-अलग तरह से सुविधाओं के आधार पर करंट अकाउंट के लिए चार्ज लेते इसका भुगतान अकाउंट होल्डर को करना पड़ता है
चालू खाते की कुछ विशेषताएं
इन खातों पर बैंक द्वारा कोई भी ब्याज नहीं दिया जाता हालांकि इसके कुछ अपवाद भी है क्योंकि बैंकिंग में बढ़ते प्रतिस्पर्धा को लेकर कुछ बैंक ने अलग से चालू खाते प्रदान करने के लिए अवसर ग्राहकों को लुभाने के लिए उनमें कुछ ब्याज दे भी देते हैं
इस टाइप के अकाउंट में दिन में किया जाने वाले ट्रांजैक्शन और अमाउंट को लेकर कोई भी लिमिट नहीं होती आप जितने चाहे उतने ट्रांजैक्शन कर सकते इस तरह के खाता खोलने के लिए आपको निर्धारित राशि का हमेशा अपने बैंक खाते में मेंटेन करके रखना पड़ता है
2) SAVING ACCOUNT (बचत खाता)
सेविंग खाता आप सब लोग इसके बारे में जानते ही होगे इस तरह के अकाउंट सबसे अधिक पॉपुलर है क्योंकि पर्सनल बैंकिंग के लिए सबसे बेहतरीन यही अकाउंट होता है इस तरह के खातों में आपको सभी तरह की सुविधाएं मिलती है चेक बुक इंटरनेट बैंकिंग एटीएम और मोबाइल बैंकिंग आदि
सेविंग अकाउंट पर आपको एक निर्धारित दर का ब्याज आपकी जमा राशि पर देते है और RBI के द्वारा ये दर पहले 4% निर्धारित की थी लेकिन बाद में RBI ने सभी बैंक को ब्याज दर करने के लिए छूट प्रदान कर दी गई हालांकि पब्लिक सेक्टर बैंक अभी भी 4% के हिसाब से इंट्रेस्ट PAY करता है लेकिन फिर भी कुछ प्राइवेट आपको 6 से 7 प्रतिशत ब्याज देते है
सेविंग अकाउंट के साथ आपके लिए ये शर्त लागू होती है की आप इसका इस्तेमाल व्यापारिक काम के लिए नहीं कर सकते इसी वजह से बैंक के सेविंग अकाउंट के लिए लेन देन एक लिमिट का निर्धारित करती है जिसमें आपको एक निश्चित संख्या में खाते से विड्राल जमा किया जा सकता है
हालाँकि बहुत कम बार ऐसा होता है अधिक लेनदेन पर बैंक आपको शर्ते लागू करने के लिए फोर्स करता है लेकिन अगर बैंक को ऐसा लगता है कि आपके सेविंग अकाउंट को करंट अकाउंट की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है उसे अधिकार है कि वह इस संबंध में आवश्यक कदम उठा सकता है सभी तरह के बैंक अकाउंट खाते सर्वाधिक संख्या में लोगों को सेविंग खाता खुलवाना पसंद करते हैं
3) RECURRING DEPOSITE ACCOUNT (आवर्ती जमा खाता)
बैंक जो है वह आप के चालू खाते या बचत खाते की जगह किसी खास अवधि के लिए जमा करवाई गई राशि पर आपको अधिक ब्याज देता है यानी कि आपको ज्यादा फायदा होता तो अब जानते हैं क्योंकि वह पैसा बैंक के लिए अधिक इस्तेमाल करने योग्य होता है
क्योंकि आप उसे अवधि समाप्त होने से पहले निकाल नहीं सकते इसलिए बैंक को उस जमा राशि पर अधिक लाभ होता है लेकिन अगर आप एक साथ कोई निर्धारित राशि जमा करने में सक्षम नहीं है तो आप RECURRING DEPOSITE ACCOUNT खुलवा सकते हैं इसमें होता यह है कि आप हर महीने के जरिए पैसे जमा कर सकते हैं
और यह आप अपनी शादी के लिए खर्च या फिर बच्चे की पढ़ाई के लिए भी कर सकते हैं इसमें आपको जमा राशि पर मिलने वाला ब्याज मिलता है और यह आप इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर ब्रांच में जाकर भी खुलवाया जा सकता है
इस तरह के अकाउंट के भी दो तरह के अकाउंट होते होता है
FIXED INSTALLMENT - इसमें आपको हर महीने एक निश्चित राशि को जमा करवाना होता है अगर आप ऐसा नहीं करते तो आपको एक निर्धारित राशि को पेनल्टी के तौर पर चुकाना होगा
FLEXIBLE INSTALLMENT - इसमें आपके पास यह सुविधा होती है कि अगर आप निर्धारित राशि से कम या ज्यादा भी जमा करवाना चाहते तो भी आप करवा सकते हैं क्योंकि कई बार अगर हमारे खर्च कम होते तो बचत अधिक हो जाती है और ऐसे में हम अपने निर्धारित से अधिक राशि जमा करवाना पसंद करते हैं
RECURRING DEPOSITE ACCOUNT में MATURITY TIME 6 से 120 महीने तक का हो सकता है आपसे पहले भी अपने पैसे निकाल सकते हैं लेकिन अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको उस समय के लिए दिया जाने वाला ब्याज में कमी हो सकती है बैंक आपको उसके लिए एक निर्धारित राशि की पेनल्टी भी लगाए यह अकाउंट RD के नाम से जाना जाता है
4) FIXED DEPOSITE ACCOUNT (सावधि जमा खाता)
इस तरह में अकाउंट में एक निर्धारित राशि को एकमुश्त जमा करवाने यह अकाउंट खोला जा सकता है ऐसे अकाउंट पर बैंक द्वारा दिया जाने वाला ब्याज सर्वाधिक होता है और यह 7 दिन से लेकर 10 वर्षों तक की टाइम तक के लिए खोला जा सकता है
अगर आपके पास आपके सेविंग है और लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं करते तो आप उस राशि के साथ पिक्चर डिपॉजिट कर सकते हैं उस राशि पर फिक्स्ड डिपॉजिट करके अच्छा ब्याज ले सकते हैं पहले ऐसा था कि प्राइवेट सेक्टर बैंक आपको पब्लिक सेक्टर बैंक से अधिक ब्याज दर FD पर देते थे
लेकिन अब ऐसा नहीं है अब आप सभी बैंक अपनी ब्याज दरें निर्धारित करने के मामले में थोड़े अधिक स्वतंत्र एफडी अकाउंट का ऑनलाइन इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से या फिर ब्रांच में जाकर खोला जा सकता है और आप चाहे तो उस पर मिलने वाले ब्याज को हर महीने प्राप्त कर सकते हैं या फिर एक साथ लास्ट में प्राप्त कर सकते
निष्कर्ष
दोस्तों इस पोस्ट में मेने आपको बैंक में कितने प्रकार के खाते होते हे,How Many Types of Bank Accounts In India के बारे में पूरी जानकारी दी है अगर हमारे द्वारा कोई जानकारी रह गयी कमेंट जरूर करे लेकिन हमे ऐसा नहीं लगता फिर भी आप अपनी राय दे सकते है ज्यादा जानकारी के लिए हमे फॉलो करे