जज (न्यायधिस) कैसे बने पूरी जानकारी हिंदी में - How To Become A Judge In India In Hindi

 हमारे देश के संविधान में न्याय व्यवस्था को पूरी तरह से स्वतंत्र रखा गया है जिससे कि वह कार्यपालिका द्वारा किए गए गलत कार्यों पर अंकुश लगा सके इसलिए हमारे यहां जज का पद बहुत ही अहम होता है उसके एक गलत निर्णय से बहुत लोग प्रभावित हो सकते हैं

 और बहुत लोग दुखी भी हो सकते हैं भारत में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति मुख्य न्यायधीश की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा ही होती है 

इसी प्रकार सभी राज्यों के उच्च न्यायालयों में मुख्य और अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राज्यपाल के द्वारा ही की जाती है तो आज इसी के बारे में हम बात करते हैं


जज (न्यायधिस) कैसे बने पूरी जानकारी हिंदी में - How To Become A Judge In India In Hindi


 योग्यता क्या होनी चाहिए?


अगर आप जज बनना चाहते हैं दोस्तों इस के लिए व्यक्ति को 12वीं की परीक्षा में 45% अंकों के साथ पास होना होगा इसके बाद यूनिवर्सिटी द्वारा प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है जिसमें सफल होने के बाद आपको बीए एलएलबी में प्रवेश मिल जाएगा जिसकी अवधि 5 वर्ष की होती है

 इसके साथ-साथ स्नातक की परीक्षा होती 45% अंकों के साथ पास करके एलएलबी के 3 वर्षीय कार्यक्रम में प्रवेश कर सकते हो


 न्यायाधीश के लिए क्या-क्या योग्यता होनी चाहिए ?


  •  व्यक्ति को भारत का नागरिक होना अनिवार्य है अगर न्यायाधीश जज बनना चाहता है तो
  •  न्यायाधीश बनने के लिए व्यक्ति को दो या दो से ज्यादा न्यायालयों में कम से कम 5 वर्षों तक न्यायाधीश के रूप में कार्य किया हो या किसी उच्च न्यायालय में लगातार 10 वर्षो के रूप में कार्य किया होना चाहिए 
  • न्यायाधीश बनने के लिए के आपकी उम्र 62 वर्ष अंदर होनी चाहिए 
  • न्यायधिस का चयन होने के बाद उनको प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है जिसमे न्यायलय के परीक्षणों में भाग लेने कानूनी प्रकाशनों की समीक्षा करने और पूर्ण करने का अवसर प्रदान किया जाता है सफलतापूर्वक प्रशिक्षण के बाद आपको एक न्यायाधीश के रूप में नियुक्त कर दिया जाता है

 न्यायाधीश के लिए व्यक्तिगत योग्यता क्या है ?


एक न्यायाधीश के रूप में आपको तथ्यों का मूल्यांकन करने और सही निर्णय लेने में सक्षम होने चाहिए जज के लिए सबसे जरूरी यह है कि उन्हें कानून के विषय में अच्छी समझ होनी चाहिए जिससे वह उन नियमों को सही से पालन कर सकें और करवा सके 

न्यायाधीश के रूप में आपको सभी पक्षों पर विशेष ध्यान देना चाहिए जिससे आप अच्छी तरह से केस के मूल तत्व में जाकर अच्छा निर्णय कर सके 

पढ़ना और लिखने की क्षमता आपमें अच्छी होनी चाहिए  क्योंकि न्यायाधीश तथ्यों का मूल्यांकन करना होता है और उनके बीच अंतर करना होता है लेखन क्षमता के माध्यम से कैसे जुड़े सभी तत्वों को स्पष्ट तरीके से लिखते हैं और संपूर्ण केस स्टडी के बाद उनका निष्पक्ष निर्णय देते हैं

 आप क्या कर सकते हैं


 तो दोस्तों एलएलबी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आपके पास अभी अधिवक्ता के अतिरिक्त कई विकल्प खुल जाते हैं आप एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब आसानी से प्राप्त कर सकते हैं अनुभव बढ़ने के बाद आप सरकारी या प्राइवेट विभाग में लीगल कल्संटेंट में भी काम कर सकते हैं

 आप भारत सरकार और राज्यों में अटॉर्नी जनरल के पद पर कार्य भी कर सकते हैं यह बहुत एक्सपर्ट और अनुभवी  होते हैं


 इसके अलावा आप अध्यापन के क्षेत्र में जाने के लिए एलएलबी कर सकते हैं जिसमें सम्मान प्राप्त होता है इसके अतिरिक्त और मल्टीनेशनल कंपनियों में लीगल एडवाइजर के रूप में भी काम कर सकते हैं 


निष्कर्ष 


दोस्तों इस पोस्ट में हमें जाना न्यायाधीश जज कैसे बनते हैं अगर आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आयी तो शेयर जरूर करे आपका कोई सवाल या सुझाव है हमे कमेंट जरूर करे 




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