Loan Lene Wale Ki Mout Ho Jaye To Lona Ka Kya Hoga

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग में आज जानगे अगर कर्जदार की मौत के बाद कर्ज कौन चुकाएगा? ये सवाल आपके भी मन में जरूर आता होगा दोस्तों इस पोस्ट में आपके सारे सवालों का जवाब देने वाला हु तो चलिए शुरू करते है 


Loan Lene Wale Ki Mout Ho Jaye To Lona Ka Kya Hoga 


Loan Lene Wale Ki Mout Ho Jaye To Lona Ka Kya Hoga



 लोन की बात करें तो बहुत सारे प्रकार के लोन होते हैं जिसमें आपका होम लोन आपका ऑटो लोन कार लोन यानी कि आपका क्रेडिट कार्ड भी एक तरह का लोन भी आप बोल सकते हो अब इन लोगों की जो पेमेंट होती है वह जब तक का पूरा इसका कर्ज होता है

 वह चुका नहीं देते तब तक आप के ऊपर या लोन जारी रहता है यानी कि आप कर्ज मुक्त नहीं हो पाते जब आप बैंक का या फिर किसी भी फाइनेंसियल कंपनी का इक्का लोन आपने लिया हुआ है उसका पूरा पैसा आप जब तक तेने कर देते तब तक आप कर्ज मुक्त नहीं हो सकते हो 

ऐसे में कुछ लोगों को यह गलतफहमी होती है कि अगर बैंक के पैसे जिस व्यक्ति ने लोन पर लिए है उस व्यक्ति की अगर मृत्यु हो जाती है तो फिर लोन बाद में आ जाएगी यानी कि आप कर्ज मुक्त बन जाओगे

 लेकिन ऐसा नहीं होता है दोस्तों तो आगे आप जानते हैं कि कौन-कौन से लोन पर क्या-क्या चीज होती है अगर लोन लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो तो सबसे पहले इतने बात कर लेते हैं कि


 क्रेडिट कार्ड का लोन 


अगर किसी कारण से क्रेडिट कार्ड होल्डर की मृत्यु हो जाती है और क्रेडिट कार्ड की बकाया रकम मरे हुए व्यक्ति के उत्तराधिकारी को विरासत में मिली तो उसे संपत्ति में से चुकानी पड़ती 


होम लोन

 होम लोन में यदि मरे हुए व्यक्ति का उत्तराधिकारी जैसे उसकी संपत्ति पर अधिकार मिला है वहीं बैंक का बकाया चुकाने के लिए जिम्मेदार होता है वह जिस व्यक्ति ने होम लोन लिया था उसकी मृत्यु हो चुकी है तो उसके उत्तराधिकारी को यह पैसा चुकाना पड़ेगा वरना इस संपत्ति में उसका कोई भी ऐसा नहीं होगा

 कुछ बैंक और फाइनैंशल कंपनियां लोन देते समय ही ग्राहकों को टर्म इंश्योरेंस देती हैं कि होम लोन को उसके जरिये सुरक्षित किया जा सकते अगर लोन का बीमा कराया गया है तो बैंक उस बीमा पॉलिसी के लोन का क्लेम कर सकता है

 यानी अगर होम लोन लिया था  तो फिर बैंक से पैसे नहीं मांगे कि वह सीधा इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी के लोन कंपनी कवर करती है  लेकिन आपको पैसे देने की जरूरत नहीं है क्योंकि जिस व्यक्ति हो चुकी है उसने लोन कराया था

 लेकिन अगर कोई बीमा नहीं कराया गया है तो इस केस में बैंक लोन उसके उत्तराधिकारी जिसने उसके लिए लोन लिया था उसका जो भी उत्तराधिकारी है जो कि संपत्ति का मालिक होगा उत्तराधिकारी से वह चाहे तो अपने नाम पर ट्रांसफर भी कर सकता उसका उत्तराधिकारी जाए तो उनको अपने नाम पर करें या फिर उनको यह कंडीशन होती है होम लोन में 


वाहन का लोन 

 टू व्हीलर कोई भी ऑटो लोन आप इसमें ले सकते हो तो इसमें भी पहले मरे हुए व्यक्ति की वारिश  ही लोन चुकाने के लिए बोला जाता है लेकिन अगर वह कर्ज नहीं चुका पाता है तब बैंक में मरे हुए व्यक्ति के वाहन को जब्त करके उसकी नीलामी के जरिए पैसा वसूला जाता है 

 अगर किसी भी प्रकार का हो तो या फिर कार लोन है तो अगर कोई उसका वारिस चुकाने से के लिए  बोलता है या फिर उसके पास इतनी रकम नहीं है कि वह चुका पाए तो उसने  ऑटो लोन लिया था जिसे कोई कार का कोई ट्रक थी उसको बैंक जब्त कर लेता है और उसकी नीलामी कर दी जाती है उसके बाद उससे आए पैसों से बैंक अपना लोन क्लियर करता लेता 


बिजनेस लोन 


बिजनेस लोन के समय बैंक उसी समय सुनिश्चित कर लेती है कि लोन लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु के बाद बिजनेस लोन कौन चुकायेगा  बैंक बिजनेस लोन का पहले ही इंश्योरेंस कवर ले लेते हैं और उसका प्रीमियम बिजनेस लोन लेने वाले व्यक्ति से पहले ही वसूल कर लिया जाता है

 और बैंक बाद में सीधा इंश्योरेंस कंपनी से ही पैसे वसूल कर लेती है तो अगर आपने बिजनेस लोन लिया हुआ है तो आपका लोन  बैंक आपके इंश्योरेंस कंपनी से ही पैसे वसूल कर लेती है क्योंकि इन्होंने बिजनेस लोन के ऊपर इंश्योरेंस कवर लिया होता है 

तो बिजनेस लोन में अगर कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति जैसे कि सोना, जमीन, और आपके  शेयर या फिर अपने फिक्स डिपाजिट के तौर पर गिरवी रख लेता है तो अगर उस कर्जदार की मृत्यु भी हो जाती है तो बैंक उसकी संपत्ति को बेच कर अपने पास जो संपत्ति गिरवी है उसको बेचकर अपना पैसा वसूल कर लेती है तो यह होता है बिजनेस में अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है 

 पर्सनल लोन 


पर्सनल लोन  असुरक्षित लोन होता है पर्सनल लोन के मामले में भी बैंक कर्जदार के वारिश से ही बकाया देने को बोलता है उसी को पर्सनल लोन करने के लिए बोलता है लेकिन पर्सनल लोन हमेशा EMI लोन होता है यह आप समझ लीजिए और 

 जो भी इंश्योरेंस किया था वह भी पर्सनल लोन इन शोर होता है उसकी तो यह EMI होती है उसके साथी इंश्योरेंस का प्रीमियम भी जोड़ दिया जाता है ताकि उसे ग्राहक पर सके इसलिए बैंक खरीदार की जब मौत हो जाती है तो उसके बाद जो भी बकाया लोन की रकम और डायरेक्ट इंश्योरेंस कंपनी से वसूल कर लेती है तो

 इसकी यह होता है पर्सनल लोन इंश्योरेंस कंपनी से पैसा वसूल करती है तो आपको इसमें कुछ भी देने की जरूरत नहीं होती या फिर पहले किसी मामलों में आपको यह कर देने को बोलती है अगर उसने आपका इंश्योरेंस नहीं किया था


 निष्कर्ष 


दोस्तों इस पोस्ट में मेने आपको Loan Lene Wale Ki Mout Ho Jaye To Lona Ka Kya Hoga  के बारे में बताया है यदि आपका कोई सवाल या सुझाव है हमें कमेंट करके जरूर


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