तरीक़ा -ए- फातिहा, Fatiha Lagane Ka Sunni Tarika हिंदी में, फातिहा लगाना सीखें

 अस्सलामो अलयकुम दोस्तों- इस पोस्ट में हमने फातिहा के सही तरिके के (fatiha ka tarika )बारे में बताया है! यानि की इसाले सवाब किस तरह किया जाता है. इसलिए आप इस पोस्ट को जरूर पूरा पढ़े 



यदि आपको फातिहा नहीं देनी आती और आप सीखना चाहते है हम इस आर्टिकल में आपको पूरा तरीक़ा बताने वाले है इंशा अल्लाह आप फातिहा भी सीख जायेंगे और लगा भी देंगे चलिए शुरू करते है 

स्टेप 1 आपको सबसे पहले खुद को पाक साब करना है आपको अच्छे से वुजू बना लेना है और क़िब्ले की तरफ रुख को मोड़ लेना है ध्यान रहे आप आप जिस तबर्रुक पर फातिहा देने वाले है वह ढका हुआ नहीं हो खुला हुआ हो उसके बाद पानी का गिलास और अगरबत्ती या लोबान जरूर लगाए खुसबू के लिए अब आपको सबसे पहले दुरुद शरीफ पड़े 


तरीक़ा -ए- फातिहा, Fatiha Lagane Ka Sunni Tarika हिंदी में, फातिहा लगाना सीखें


स्टेप 2. सूरह कोसर या सूरह तकासुर पढ़े 


स्टेप 2. सूरह कोसर या सूरह तकासुर पढ़े


बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

अल्हाकुमुत् तकासुरु (1) हत्ता जुरतुमुल् मक़ाबिर (2)कल्ला सौ-फ़ तअ्लमून (3) सुम्म कल्ला सौ-फ़ तअ्लमून (4) कल्ला लौ तअ्लमू-न अिल्मल् यकी़न (5) ल-त-र वुन्नल् जहीम (6) सुम्म ल-त-र वुन्नहा अैनल् यक़ीन (7) सुम्म लतुस् अलुन्-न यौमइज़िन् अ़निन् नअ़ीम (8)


स्टेप 3. सूरह काफ़िरून – Surah Kafeerun


स्टेप 3. सूरह काफ़िरून – Surah Kafeerun


*कुल या अय्युहल काफ़िरून*ला अबदु माँ ता अबुदन*वाला अन्तुम आबिदु न माँ आबुद*वला अना आ बिदुम माँ अब ततुम*वला अन्तुम आबिदु न माँ आ बू दू * ला कम दिनु कम व लिय दीन* (1  बार पढ़े)

आपको इस सूरह को एक मर्तबा पढ़ना है दोस्तों इसे याद करने में आपको कोई दिक्कत नहीं आएगी इस सूरह काफ़िरून  को आप आसानी से याद कर सकते है फिर इस सूरह के बाद आपको 

स्टेप 4. सूरए इख़्लास – Surah Ikhlaas

स्टेप 4. सूरए इख़्लास – Surah Ikhlaas


*कुल हुवल्लाहु अहद *अल्लाहुस्समद *लम यलिद व् लम यूलद * वलम यकुल्लहू कुफुवन अहद* (3 बार पढ़े)


सूरए इख़्लास – Surah Ikhlaas इस सूरह को 3 मर्तबा आपको पढ़ना है, दोस्तों यह भी बहुत ही छोटी सूरत है आपको ये वाली सूरत तो जरूर याद होगी इसमें आपको कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए  


स्टेप 5. सूरए फ़लक़  – Surah Falaq


स्टेप 5. सूरए फ़लक़  – Surah Falaq


*कुल अऊजू  बि रब्बिल फ़लक़*मिन शर्रि माँ खलक *वमिन शर्रि ग़ासिक़ीन इज़ा वकब * व् मिन शर्रिन नफ्फा साति फ़िल उक़द *  व् मिन शर्रि हासिदिन इज़ा हसद * (1 बार पढ़े )


ये भी छोटी सी सूरत है आपको याद करने पर आसानी से याद हो जाएगी और इस तरिके से आपको कोई दिक्कत नहीं आएगी 

स्टेप 6. सूरए नास  – Surah Naas

सूरए नास  – Surah Naas


*कुल अऊजू बि रब्बिन नासि *मलिकिन नासि *इला हिन्नासि *मिन श र्रि ल वस् वासिल खन्ना सिल्लज़ी युवस विसु फी सुदु रिन्नासी मिनल जिन्नति वन्नास * (एक बार पढ़े )

फिर उसके बाद आपको सूरह नास पढ़ना है आपको ये वाली सूरह भी याद कर लेना है आपको कोई दिक्कत नहीं आएगी इसी तरह एक के बाद सूरत को याद करना है 


स्टेप 7. सूरए फ़ातिहा – Surah Fatiha

सूरए फ़ातिहा – Surah Fatiha


*अल्हम्दुलिल्लाहि रब्बिल आलमीन *! अर्रहमा निर्रहीम *! मालिकि यौमिद्दीन *! इय्याका न अ बु दु  व इय्याका नस्तईन *! इह दिनस सिरातल मुस्तक़ीमा *! सिरातल लज़ीना अन अम्ता अलै हिम गैरिल मगदूबी अलै हिम वलद्दाल्लीन *(आमीन ) (एक बार पढ़े )

फिर इसके बाद  सूरए फ़ातिहा – Surah Fatiha पढ़े आपको ये अलहम्दो की सूरत तो याद ही होगी अगर याद नहीं भी है तो याद करले जल्दी ही आपको याद हो जाएगी इंशाल्लाह 

स्टेप 8. सूरए बक़रह – Surah Baqrah


सूरए बक़रह – Surah Baqrah


*अलीफ लाम मीम ज़ालिकाल किताबु ला रै बफ़ीह*! हुंदल लिल मुत्तकीनल्लज़ीना यूमिनूना बिल गैबि व युकिमुनस्सलाता  व् मिम्मा रजकनाहुम् युनफिकुन *!  वल्ल्जीना यूमिनू ना बिमा उन्ज़िला इलैका वमा  उन्ज़िला मिन क़ब्लिक * व बिल आख़िरति हुम् युकिनून *!  उलाइका अला हुदम मिर रब्बि हिम व उलाइका हुमुल मुफ़लिहून *! 

व इलाहुकुम इलाहुं वाहिद *! लाइलाहा इल्ला हुवर्रहमानुर्रहीम *!  इन् न रहमतल्लाहि क़रीबुम मिनल मुहसिनीन*!  वमा अरसल नाका इल्ला  रहमतल लिल आलमीन *!  मा का ना मुहम्मदुन अबा अ हदिम मिंर रिजालिकुम वला किर रसूल्लाहि व खात मन नबीय्यीन व कानल्लाहु *! बिकुल्लि शैइन अलीमा *!  इन्नल्लाहा व मलाई क त हू यूसल्लूना अलन्न् बिय्यि *!  या अय्यु हल लज़ीना आ मनू सल्लू अलैहि व सल्लि मू तस्लीमा *! ( जो भी हाजिरीन फातिहा में हाजिर है सभी दुरुद शरीफ पढ़े ) (एक बार पढ़े )

सूरह बक़रह तोड़ी बड़ी सूरत है इसको याद करने में तोड़ी दिक्कत आएगी इसलिए आपको इसे अच्छे से याद कर लेना है 

स्टेप 9 . दुरूदे ताज अगर आपको याद नहीं है तो ना पढ़े 


अल्लाहुम्मा सल्ले अला सय्यिदिना व मौलाना मोहम्मदीन

या ईलाही हमारे आक़ा व मौला मोहम्मद ﷺ पर रहमत नाज़िल फ़रमा ।

साहिबित्त ताज़े वल मेराजे वल बुर्राके वल अलम

जो साहिबे ताज़ और मेराज़ और बुर्राक वाले और झंडे वाले है

दाफेईल बलायें वल वबाई वल कहति वल मर्ज़ी वल अलम

जिनके वसीले से बला वबा और क़हत (सुखा) मर्ज़ और दुख दूर होता है

इस्मोहु मक़तूबुम मरफ़ूउम मशफ़ुउम मनकुसुन फ़ील लव्ही वल क़लम

आप ﷺ का नाम नामी लिखा गया, बुलंद किया गया, क़बूले शफ़ाअत किया गया,

और लोह व क़लम में गुदा हुवा है

सय्यिदिल अरबी वल अज़म

आप ﷺ अरब व अज़म के सरदार है


स्टेप 10 .दुरुद शरीफ-Durud Sharif  पढ़े 

* अल्लाहुम्मा सल्ले अला सय्येदिना व मौलाना मुहम्मदिव व अला आलि सय्येदिना व मौलाना मुहम्मदिव व बारिक व सल्लिम *सलातंव व सलामन अलैका या रसूलुल्लाह * सुब्हाना रब्बिका रब्बिल इज़्ज़ति अम्मा यसीफ़ून * व सलामुन अलल मुरसलीन * वल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन *


 बख़्शने का तरीका (इसाले सवाब का तरीका)- Fatiha Ka Tarika – Isale Sawab Ka Tarika


ए  अल्लाह मैंने तेरा कलमा पढ़ा और जो कुछ यह तबर्रुक हाजिर है इसे अपनी बारगाह में कुबूल फरमा इसमें जो कुछ गलतियां हो अपने फज़्लों करम से माफ फरमा और इनका सवाब हम सबके आका वह मौला हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम की बारगाह में बतोरे नजराना पेश करते हैं कुबूल फरमा ! फिर हुजूर के सदके व तुफैल में जुमला अंबिया इकराम अलेही मुस्सलाम की आरवाहे तैयिबात को हदयतन तोहफतन पेश फरमा !फिर हुजूर के सदके में व अंबिया किराम के वसीले से जुमला सहाबए किराम व अजवाज़े मुतअहरात ताबिईन व तबए ताबिईन व जुमला ओलीयाए किराम  व  बुजुर्गाने दीन रिजवानुउल्लाहि  तअला अलेहिम अजमईन की अरवाहे  तय्येबात को इसका सवाब अता फरमा फिर बुजुर्गाने दीन के वसीले से जुमला मोमिनीन मुमिनात  की रूहो को इसका सवाब अता फरमा !


बिल ख़ुसुस  . . . . . . . . . . . . . . . .   को इसका सवाब अता फरमा !


नोट – बिल ख़ुसुस के बाद जिसके नाम की फातिहा हो उसका नाम ले !

इस पोस्ट में मेने आपको फातेहा देने के तरीके और सिखने के तरिके के बारे में बखूबी बताया है हिंदी में आयतो को कन्वर्ट करने में दिक्कत होती है इसलिए आपको अरबी में जरूर पड़ना चाहिए 

फातेहा सीखना आसान है बस आपको इन चंद सुरतो को याद करना है इन्हे आप आसानी से याद कर सकते है जब मेने इन सुरतो को याद किया है तोडा टाइम लगता है पर माशाल्लाह में अब फातिहा देने सिख गया हु दोस्तों में इसी तरह से फातिहा देता हू और मेने आपको भी ये तरीक़ा बताया है 

यदि इसमें कोई गलतिया है अल्लाह तआला इसे माफ़ फरमाए दोस्तों यदि आपका कोई सवाल या सुझाव है हमे कमेंट करके जरूर बताये 


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