Censor Board क्या होता है, Censor Board Certificate Explained In Hindi

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग में आज के इस पोस्ट में जानेगे Censor Board क्या होता है, Censor Board Certificate Explained In Hindi के बारे में दोस्तों आपने Censor Board के बारे में अक्सर सुना होगा हम मूवीज़ देखते है तो सेंसर बोर्ड का नाम आता है आज इसी के बारे में बात करे वाले है चलिए शुरू करते है 


Censor Board क्या होता है, Censor Board Certificate Explained In Hindi


Censor Board क्या होता है


 अगर आप फिल्में देखते हो तो आपको ज्यादा इसके बारे में जानकारी होगी क्योंकि दोस्तों फिल्म कोई भी हो हमारे इंडिया में उस में सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य ही है दोस्तों सेंसर बोर्ड का मतलब है सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन इसका  फुल फॉर्म है

 दोस्तों यह एक संस्था है जो सूचना और प्रसारण मंत्रालय के में अंदर आती है हमारे देश में बनने वाली फिल्मों को सर्टिफिकेट देने का कार्य संस्था ही करती है हर फिल्म को रिलीज होने से पहले सेंसर बोर्ड की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है यानी कि उसे सेंसर बोर्ड की परमिशन लेनी पड़ती है

 दोस्तों सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति केंद्र सरकार ही करती है और इस बोर्ड के सदस्य किसी भी सरकारी पद पर नहीं होते हैं इसका हेड क्वार्टर जो है वह मुंबई में है और इसके 9 क्षेत्रीय कार्यालय मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, उसके बाद बेंगलुरु तिरुवंतपुरम, हैदराबाद, और नई दिल्ली,  गुवाहाटी, में भी मौजूद है

 किसी भी फिल्म के सर्टिफिकेट में ज्यादा से ज्यादा 68 दिनों का समय ले सकता है फिल्म को अनेक कंटेंट के अनुसार केटेगरी के अंतर्गत सर्टिफिकेट दिया जाता है तो हम बात करेंगे उनके केटेगरी ऊपर किया जाता है कि फिल्म को दर्शकों के लिए 4 केटेगरी होती है 

  • (U) केटेगरी 
  • (U/A ) केटेगरी 
  • (A) केटेगरी 
  • (S) केटेगरी 

पहली केटेगरी - (U) मतलब यूनिवर्सल इस केटेगरी की मूवी कोई भी दर्शक देख सकते है और इस फिल्म का सर्टिफिकेट जल्दी ही मिल जाता है 

दूसरी केटेगरी - (U/A ) इस केटेगरी की मूवी  को 12 साल से कम उम्र के बच्चे अपने माता-पिता की देखरेख में ही देख सकते हैं या फिरबड़े की निगरानी में इसलिए इसको (U/A )सर्टिफिकेट कहा जाता है

तीसरी केटेगरी - (A) इस केटेगरी की मूवी एडल्ट होती है जो एडल्ट के लिए होती है 

 चौथी केटेगरी - (S) केटेगरी की मूवी ख़ास के लोगों के लिए ही होती है इंजीनियर, किसान डॉक्टर, आदि वर्ग के लोगो के लिए इस इस सर्टिफिकेट दिया जाता है 


Censor Board मूवी को पास और फेल कैसे करता है 


फिल्म को पास और फेल करने के लिए तीन तरह के पेनल होते है इसमें पहला जो पेनल Censor Board का होता है इसमें महिलाओं का होना जरूरी होता है और ज्यादातर फिल्मे इसी में पास कर दी जाती है इस पेनल में Censor Board का कोई भी अध्य्क्ष  इस पैनल में शामिल नहीं होते फिल्म में जरूरी बदलाव होते है जिसकी जाँच की रिपोर्ट अध्यक्ष को भेज दी जाती है 

 दूसरा जो पैनल होता है अपना काम करता है इस पैनल रिवाइजिंग कमिटी कहते हैं अगर जाँच समिति फिल्म को सर्टिफिकेट  के देने से इंकार कर देती है तब इस फिल्म को इस पेनल के पास भेजा जाता है  इस पैनल में Censor Board अध्यक्ष शामिल होता है  ताकि आपके अच्छे से देख सके अगर इस पेनल के सुझाव को अगर फिल्म निर्माता मानने से इंकार कर देता है तो ऐसे में यह पैनल को पास करने से इनकार करने का अधिकार रखता है


 दोस्तों उसके बाद तीसरा पैनल होता है इसमें फिल्म जगत के अध्यक्ष अनुभव भी होते हैं साथ ही सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जो होते हैं अगर तीसरे पेनल में भी फिल्म सर्टिफिकेट फेल कर दिया जाता है तो ऐसी स्थिति में फिल्मकार हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है तो दोस्तों इसी तरह से काम करता है Censor Board


निष्कर्ष 


दोस्तों इस पोस्ट में मेने आपको Censor Board क्या होता है, Censor Board Certificate Explained In Hindi के बारे में बताया है दोस्तों आपको ये पोस्ट पसंद आयी तो शेयर जरूर करे 

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